आखिरकार करीब 500 साल बाद अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की मंजूरी मिली। हालांकि, बीते बुधवार को नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस पूजा में कोरोना के चलते कुछ ही लोगों को निमंत्रण दिया गया था। मंदिर के निर्माण का कार्य धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस मंदिर को बनवाने में करीबन तीन से चार साल लग सकते हैं। अयोध्या से मिली जानकारी के मुताबिक,
- राम मंदिर की नींव 200 फीट गहरी होगी। ताकि जमीन मंदिर का भार सह सकें।
- साथ ही राम मंदिर के निर्माण में हर तरह की तकनीक का भरपूर तरीके से प्रयोग किया जाएगा। जिससे कि यह मंदिर 1000 वर्षों तक भी सुरक्षित खड़ा रह सकें।
अनुमानित आकड़े
मंदिर को भूकंप रोधी बनाने के लिए मंदिर की नींव को बेहद मजबूत बनाया जाएगा। इसलिए राम मंदिर की नींव को 200 फूट गहरी जमीन के नीचे किए जाने का निर्णय लिया गया है। बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए फिलहाल अभी नींव की खुदाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है। वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक इस नींव की ड्रॉइंग तैयार हो गई है। बता दें कि कार्य शुरू करने में अभी एक से दो महीने का वक़्त लग सकता है।
धार्मिक मान्यताओं के आधार पर अगर देखे तो नींव की परछाई जमीन पर न पड़े तो ही अच्छा है। इस बात का भी पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा। साथ ही मंदिर के निर्माण के दौरान धार्मिक मान्यताओं को भी जोड़ा जाएगा। मान्यता है कि मंदिर के शिखर की परछाई जमीन पर नहीं पड़े, इसकी वजह से जमीन से जो भी मानक है उस ऊंचाई तक मंदिर को ले जाया जाएगा।
भवन पूर्ण रूप से भूकंप और दैवीय आपदाओं से लड़ने लायक बनाया जायेगा। वहीं ट्रस्ट के मुताबिक संपूर्ण 70 एकड़ जमीन पर नक्शा पास करवाया जायेगा। वहीं दूसरी ओर ट्रस्ट के लोगों ने भी राम मंदिर को ऐतिहासिक और बेमिसाल बनाने की तैयारियां कर रखी हैं। सूत्रों की माने तो निर्माण के लिए सबसे पहले पत्थरों को परिसर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
Written by: Annu Choubey YUVA BHARAT SAMACHAR

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