एमएस धोनी वो खिलाड़ी है जिसे लोग बेहद प्यार करते हैं और चाहते हैं कि जब-जब भारत खेले तो मैदान पर धोनी जरूर खड़े हों। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा अब लोग क्रिकेट के मैदान पर धोनी को नहीं देख पाएंगे क्योंकि धोनी से इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी से अचानक से ऐसे क्यों संन्यास लिया ये सवाल सभी के मन में है। आखिर क्यों धोनी ने क्रिकेट को बाय कहा। क्या उन्हें कोई बात परेशान कर रही थी या धोनी किसी बात को लेकर दुखी है। हम आपको इस सवाल का जवाब बताएंगे….जिसके बारे में सभी जानने को उतारू हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर क्रिकेट से सबसे होनहार खिलाड़ी धोनी ने क्यों लिया संन्यास…
दरअसल, धोनी से इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा क्यों कहा इसका जवाब उन्होंने तो नहीं बताया लेकिन धोनी ने क्या सोचकर संन्यास लिया पूर्व क्रिकेटर सुनिल गावस्कर ने सब बता दिया। आपको बता दें कि सुनिल गावस्कर ने कहा कि धोनी निश्चित तौर पर यह जानना चाह रहे थे कि आईपीएल में वो कैसा प्रदर्शन करते हैं। वो इसके बाद ही आंकलन करते कि उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप में खेलना है कि नहीं। चूंकि कोरोना वायरस के चलते आईपीएल को आगे बढ़ाया गया, साथ ही टी-20 वर्ल्ड भी इस साल न होकर 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया तो इसलिए धोनी ने सोचा कि अब इंटरनेशनल क्रिकेट से जुड़े रहना उचित नहीं हैं और संन्यास लेना का फैसला लिया। अगर वर्ल्ड इसी साल होता तो इस बात की पूरी संभावना है कि वो इसमें खेलते।
धोनी के करियर पर नजर डालें तो 15 साल के करियर में 350 वन-डे खेल चुके हैं। धोनी ने साल 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। भारत के लिए उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले। महेंद्र सिंह धोनी के नाम भारत की तरफ से सबसे ज्यादा कप्तानी का रिकॉर्ड है। धोनी ने कप्तान के रूप में 332 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 60 टेस्ट, 200 वन-डे और 72 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी की है।
धोनी ने जब बल्ला उठाया तब-तब कमाल करके दिखाया है। धोनी ने भारत में क्रिकेट को नई दिशा देने का काम किया। क्रिकेट में धोनी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
Written by: POOJA SAHANIYA YUVA BHARAT SAMACHAR

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