हमने चीटियों को अक्सर एक ही लाइन में चलते देखा और उन्हें देखकर हमारे मन में यह विचार भी आता है कि आखिर चीटियां सिर्फ एक ही लाइन में क्यों चलती हैं। तो चलिए आज यह जान लेते हैं कि आखिर चीटियां एक ही लाइन में क्यों चलती है।

चीटियां खुद में से एक फ़ैरोमोंस नामक रसायन निकालती हैं। इस गंध की वजह से ही चीटियां एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं। आपको बता दें चीटियों की आंखें होती है लेकिन वह सिर्फ दिखावे के लिए उन्हें उनसे कुछ नहीं दिखाई देता वह सिर्फ इस रसायन की वजह से ही एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और एक दूसरे के पीछे लाइन बनाती चली जाती हैं।
इन सभी चीटियों में एक रानी चींटी होती है जो इस फ़ैरोमोन को निकालती है और उस फ़ैरोमोन की गंद की वजह से यह सभी चीटियां रानी चींटी के पीछे पीछे चलती हैं। जब रानी चींटी फ़ैरोमोन बनाना बंद कर देती है तो चीटियाँ, नई चींटी को रानी चुन लेती हैं। चींटी अपने आकार के संबंध में दुनिया के सबसे मजबूत प्राणियों में से एक है।
– चींटी अपने वजन से 50 गुना ज्यादा उठा सकती है वजन
यह दिखने में भले ही छोटी होती है, लेकिन इनके अंदर ऐसी काबिलियत होती है कि ये अपने वजन से 50 गुना ज्यादा वजन उठा सकती हैं। चींटियों के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के आवागमन के लिए उनके शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। हालांकि चींटियों के कान भी नहीं होते हैं। वो जमीन के कंपन से ही शोर का अनुभव करती हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चीटियां दुनिया के हर कोने में पाई जाती हैं, लेकिन अंटार्टिका एक ऐसी जगह है एक भी चीटियां नहीं पाई जाती हैं।
Written By: Anju Yadav YUVA BHARAT SAMACHAR

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