शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिससे सभी जुड़े है। प्रत्येक पीढ़ी को अपने से अधिक सुरक्षित और संपन्न भविष्य प्रदान करने के लिए हर प्रकार का उद्यम करती है। प्रगति और विकास इसी मानवीय अपेक्षा और अभिलाषा को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर तक नीतियों और परियोजनाओं के स्वरुप में निर्धारित होते हैं। इन नीतियों के लिए शिक्षित और कुशल मानव-शक्ति की आवश्यकता होती है, जिन्हें शिक्षा व्यवस्था तैयार करती है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति, आर्थिक संपन्नता और सुरक्षा का आधार उसकी शिक्षा व्यवस्था हर प्रकार के परिवर्तन के सार को खुद में घोल कर समाहित कर सकने की क्षमता पर निर्भर करता है।
इसी को ध्यान में रखकर पिछले वर्षो में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण के लिए एक के बाद एक दो समितियां गठित की गई। इन दोनों समितियों ने अनेक, संस्थाओ का भ्रमण किया, देश के सभी पंचायतों, व्यक्तियों, अध्यापकों, प्रधयापकों को भी कहा गया कि वे अपनी राय दें।
संस्थाओं में और जमीनी स्तर पर, जो समस्याएं दशकों से उपस्थित रहीं हैं, उनकी बेबाक जानकारी समितियों को मिलीं। अनेक समाधान आंख खोलने वाले थे, लोग कितनी गहराई से शिक्षा में रुचि लेते है यह सामने आया।
शिक्षा से हर वर्ग को अपेक्षाएं हैं, हर वर्ग को अच्छे स्कूल में अच्छी गुणवत्ता वाली और कौशल शिक्षा चाहिए। सामान्य जन शिक्षा से अपेक्षा करते हैं कि वह बच्चों को चरित्रवान बनाएं। वे भारतीयता से विमुख कभी न हो, अपनी संस्कति, विरासत और परंपरा से परिचित हो। परीक्षा
पद्धति बदल जाएगी, जिससे अंकों की दौड़ को लेकर तनाव सारे देश में फैल जाता था, उसे कम करने की पुष्टि की गई है। इससे परीक्षा का भय कम होगा, बच्चे जो पढ़ेंगे- सीखेंगे उसको रटने की आवश्यकता अब नहीं होगी। बल्कि उसे समझना और सीखना होगा।
उस ज्ञान का कोई महत्व नहीं है, जिसका उपयोग बच्चे उसे प्राप्त करते समय ही जान न लें। मनोविज्ञान की दृष्टि से सभी स्वीकार करते है कि प्रारंभिक शिक्षा का माध्यम हमारी मातृभाषा ही होनी चाहिए। अब बच्चों को अपनी रुचि के हिसाब के अनुसार विषय चुनने का मौका मिलेगा। अध्यापकों की क्षमताओ पर शिक्षा की गुणवत्ता निर्भर करती है, इसके लिए जरूरी है कि सभी अध्यापक परिपूर्ण प्रशिक्षित और संतुष्ट हों। अध्यापकों को प्रशासनिक कार्यों से अलग रखा जाएगा। नई शिक्षा नीति के सफल भावी भारत के निर्माण में सबसे महत्वपर्ण भूमिका अध्यापकों की ही होगी।
Written By: Neha Pathak YUVA BHARAT SAMACHAR

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