सालों के लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार दुनिया के सबसे घातक लड़ाकु विमान राफेल जेट्स को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। बता दें, कि फ्रांस के साथ हुई 36 राफेल विमानों की डील के पहले 5 विमान जुलाई में भारत आ चुके थे। और अब गुरूवार 10 सितंबर 2020 को हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उनकी फ्रेंच समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली की मौजूदगी में एक औपचारिक इंडक्शन समारोह में इन विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया है। पार्ली खासकर राफेल के इंडक्शन के लिए भारत आई हैं। इस खास मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और एयरफोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस भदौरिया भी मौजूद रहे। समारोह में सबसे पहले राफेल की बकायदा ‘सर्वधर्म पूजा’ की गई। इस दौरान राफेल को वॉटर कैनन से सलामी दी गई। जिसके बाद राफेल और तेजस विमानों ने हवाई उड़ान भरी।
IAF में राफेल के शामिल होने से भारतीय सेना की शान कई गुणा बढ़ गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि राफेल भारत के लिए एक गेमचेंजर होगा। उन्होंने आगे कहा कि राफेल का इंडक्शन भातीय वायुसेना के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
बता दें, कि राफेल को वायुसेना की 17वीं स्क्वॉड्रन में शामिल किया गया है, जिसे गोल्डन ऍरोज़ (Golden Arrows) भी कहते हैं। इस विमान की अपनी अलग खासियत और क्षमता तो है ही, लेकिन अगर भारतीय वायुसेना की बात करें तो ये विमान इसलिए भी खास है क्योंकि भारतीय वायुसेना में 18 सालों के बाद कोई विदेशी विमान शामिल हुआ है।
Written by: ANKITA BARKODIA YUVA BHARAT SAMACHAR

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